लेखनी प्रतियोगिता -22-Feb-2023 खामोश " वह लोटकर आयेगा"
खामोश," वह लौटकर आयेगा "
" नहीं ऐसा कभी नहीं हो सकता है? आप सब मुझे चिडा़ने के लिए इतना बडा़ झूंठ बोल रहे हो।अभी का कुछ समय पहले फौन आया था कि रागिनी तुम तैयार रहना मै तुम्हें लेने आरहा हूँ। " इतना कहकर उसने अपनी सहेली रूची के गाल पर धीरे से थपकी लगादी।
रूचि सोचने लगी इस पागल को कैसे समझाऊँ कि जिस बस में अभिजीत आरहा था वह बस नदी में गिर गयी है और उसमें से कोई सवारी नहीं बची है।रुचि ने टी वी चलाकर उसपर समाचार का चैनल लगा दिया।
आज की ब्रेकिंग न्यूज" लखनऊ से दिल्ली आने वाली बस नदीं में गिरने से उसमें बैठी सभी सवारियौ की यातो मौत हो गयी अथवा वह पानी के साथ बह गयी है अभी तक बीस के लगभग शव निकाले जा चुके है बचे हुए शवौ की खोज जारी है। "
इस खबर को पढ़कर रागिनी जोर जोर से हसने लगी। उसका हसना रुक ही नहीं रहा था। रागिनी को हसता हुआ देखकर उसके मम्मी पापा को चिन्ता होगयी। वह रुचि से बोले," बेटा इसको रुलाओ इसका रोना बहुत जरूरी है। यदि यह इसी तरह हसती रही तब इसका दिमाग खराब होसकता है। इसलिए तुम इसे रुलाने की कोशिश करो।"
कुछ समय बाद वह हसना तो बन्द होगयी लेकिन किसी से कोई बात नही कर रही थी। परन्तु अचानक वह अभिजीत का फोटो हाथ में लेकर उससे बात करने लगी," तुम्हारी बस कब आरही है। ये सब झूंठ बोल रहे है न तुम चार बजे तक आजाओ। मै तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही हूंँ।"
उस दिन के बाद सभी ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन उसकी समझ में कुछ नहीं आया। वह अभिजीत के फोटो को लेकर उसको पुचकारती उसे खाना खिलाने की कोशिश करती उसको ़ पूछती कि तुम कब आरहे हो?
अभिजीत व रागिनी की शादी की बात चल रही थी। अभिजीत रागिनी का पहला पहला प्यार था उसने अपने पापा से कहकर उसके साथ शादी की जिद पकड़ ली थी। उसकी जिद के सामने उसके पापा को झुकना पडा़ था।
अभिजीत किसी काम से लखनऊ गया था । वह ट्रेन से गया था। परन्तु वापिस वह बस से आल रहा था। रात का सफर था बस के ड्राइबर को नींद का झोका आजाने से बस एक नदीं में गिर गयी । और उसमें बैठी कुछ यात्रियौ के शव मिल चुके थे और कुछ पानी के बहाव में बह गये थे। बहने वालौ में अभिजीत भी था।
अभिजीत बहता हुआ बहुत दूर चलागया और एक गाँव के लोगौ ने मिलकर उसको निकाल लिया । उसमें सांसें चल रही थी इस लिए उसे एक सरकारी अस्पताल में एडमिट करवा दिया।
अभिजीत ठीक होगया लेकिन उसकी याददास्त चलीगयी। अस्पताल के कर्मचारियौ ने उसे अनाथाश्रम भेज दिया ।और अनाथाश्रम वालौ एक अखवार में उसका फोटो प्रकाशित करवा दिया। लेकिन अभिजीत की खोज में कोई नहीं आया।
अब अभिजीत अनाथाश्रम ही रहने लगा वहा के रहने वाले उसे अभिजीत के नाम से ही पुकारते थे क्यौकि उसकी बाजू पर उसका नाम लिखा हुआ था।
रागिनी अब कुछ कुछ ठीक होगयी थी।लेकिन वह शादी करने के लिए तैयार नही हुई थी। जब भी कोई शादी की बात करता तब वह कहती थी," खामोश ! वह लौट कर आयेगा "।
इसी तरह समय बीत रहा था कि एक दिन रागिनी अखबार की रद्दी बेचने के लिए अखबार इकट्ठे कर रही थी तभी उसकी नजर एक अखबार में छपी हुई एक इश्तहार व अभिजीत के फोटो पर पडी़।
जब उसने वह खबर पढी़ वह उस अखबार को लेकर अपने पापा के पास दौड़ती हुई गयी और बोली मेरा अभिजीत जिन्दा है मै कहती थी न । इतना कहकर उसने वह खबर पापा को पढ़कर सुनाई।
वह बोली," मै कहती थीन कि मेरा अभिजीत जिन्दा है उसने मुझसे मिलने का बायदा किया था वह लौटकर वापिस अवश्य आयेगा। "
रागिनी के पापा ने यह समाचार अभिजीत के पापा को फौन करके बताया और उसी समय वह सभी उस अनाथाश्रम पहुँचे और अभिजीत से मिलकर बहुत खुश हुए। और सभी कानूनी कार्यवाही पूरी करके उसे साथ लेआये लेकिन वह किसी को नहीं पहचानता था।
अभिजीत अधिकतर अकेला ही रहना पसन्द करता था। वह रागिनी से भी बात नहीं करता था।
एक बार उनके शहर में बाढ़ आगयी और उस बाढ़ के ताण्डव को देखकर अभिजीत की याददास्त वापिस आगयी और वह सभी को पहचानने लगा। उसने रागिनी से भी छमा माँगली।
अब तो अभिजीत के लौटने के साथ उसकी याद भी बापिस आगयी। अब सभी खुश थे। इसके बाद अभिजीत व रागिनी की शादी होगयी।
Alka jain
26-Feb-2023 02:29 PM
Nice
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डॉ. रामबली मिश्र
24-Feb-2023 11:18 PM
बहुत खूब
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Abhinav ji
23-Feb-2023 08:56 AM
Very nice 👌
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